कुछ लोग प्रेम देते हैं..
बेतहाशा प्रेम..!
लेकिन फिर उसे एक झटके में छीन भी लेते है और सामने वाले को तड़पने के लिए छोड़ देते है..जैसे कोई किसी माँ से उसके दुधमुँहे बच्चे को छीन ले तो वो तड़प उठती है..!
प्रेम देने वाले को अगर जाना भी हो तो उसे ठीक उसी तरह जाना चाहिए जैसे एक मां अपने सोते हुए बच्चे को थपकी देते हुए उसे नींद आने पर धीरे से हाथ हटा लेती है और उस बच्चे को ये भान रहता है कि उसकी माँ अभी भी उसके पास है..!
जिन्हें प्रेम चाहिए होता है उनके लिए आपके पास होने से ज्यादा..आपके पास होने की अनुभूति मायने रखती है..!!
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