Tuesday, August 28, 2012
Sunday, August 26, 2012
मगर तेरे प्यार की आरजू न गयी....!!
तेरा ख़याल तेरी आरजू न गयी !
मेरे दिल से तेरी जुस्तजू न गयी !!
इश्क में सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैंने !
मगर तेरे प्यार की आरजू न गयी....!!
मेरे दिल से तेरी जुस्तजू न गयी !!
इश्क में सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैंने !
मगर तेरे प्यार की आरजू न गयी....!!
दिल मेरा कोई खिलौना हैं !!
उसे उदास कर खुद भी रोना हैं !
ये हादसा जाने क्यों होना हैं...!!
तोड़ कर दिल मेरा यूँ जाते हैं वो अक्सर !
जैसे उनके वास्ते दिल मेरा कोई खिलौना हैं !!
ये हादसा जाने क्यों होना हैं...!!
तोड़ कर दिल मेरा यूँ जाते हैं वो अक्सर !
जैसे उनके वास्ते दिल मेरा कोई खिलौना हैं !!
जिंदगी की हकीकत सिर्फ इतनी होती हे…..
जिंदगी की हकीकत सिर्फ इतनी होती हे,
जब जगता हे इन्सान तो किस्मत सोती हे,
अक्सर इन्सान अपना जिस पर सबसे जयादा समजता हे,
वो अमानत किसी और की होती हे,
हर रिश्ता अज़ीज़ लगता हे, हर अपना करीब लगता हे,
वो तो बस दो पल की तक़दीर होती हे,
जिसे चाहते हम खुद से ज्यादा,
वो एक लकीर की ही हाथो में कमी होती हे,
जिंदगी की हकीकत सिर्फ इतनी ही होती हे.
जब जगता हे इन्सान तो किस्मत सोती हे,
अक्सर इन्सान अपना जिस पर सबसे जयादा समजता हे,
वो अमानत किसी और की होती हे,
हर रिश्ता अज़ीज़ लगता हे, हर अपना करीब लगता हे,
वो तो बस दो पल की तक़दीर होती हे,
जिसे चाहते हम खुद से ज्यादा,
वो एक लकीर की ही हाथो में कमी होती हे,
जिंदगी की हकीकत सिर्फ इतनी ही होती हे.
Mohabbat Me Hum Mashoor Kya Huwe..
Mohabbat Me Hum Mashoor Kya Huwe..
Har Harkat Humari Deewangi Lagnay Lagi..
Lafz Jo Niklay Haal-e-dil Ka Bayan Karne ,
Zamane Ko Har Wo Baat Shahyari Lagnay Lagi
Har Harkat Humari Deewangi Lagnay Lagi..
Lafz Jo Niklay Haal-e-dil Ka Bayan Karne ,
Zamane Ko Har Wo Baat Shahyari Lagnay Lagi
मुझे अफ़सोस नहीं इसका..
मुझे अफ़सोस नहीं इसका..
की मैं राह हूं केवल…
किसी की मंज़िल नहीं…
गम है तो बस इतना की…
भूल जाते हैं राहें लोग…
मुझे अफ़सोस नहीं इसका..
की मैं साथी हूं केवल..
किसी की ज़िंदगी में शामिल नहीं..
गम है तो बस इतना..
साथ छोङ देते हैं लोग..
मुझे अफ़सोस नहीं इसका…
की मैं गुजरा पल हूं केवल..
जिसे तमाम उम्र हासिल नहीं..
गम है तो बस इतना..
गुजरा वक्त भूला देते हैं लोग…
“किसी और से नहीं पर खुद से गिला है मुझको,
शायद खुद मेरी वजह से मेरी ज़िन्दगी छोङ गई मुझको।”
मुझे अफ़सोस नहीं इसका..
की मैं राह हूं केवल…
किसी की मंज़िल नहीं…
गम है तो बस इतना की…
भूल जाते हैं राहें लोग…
मुझे अफ़सोस नहीं इसका..
की मैं साथी हूं केवल..
किसी की ज़िंदगी में शामिल नहीं..
गम है तो बस इतना..
साथ छोङ देते हैं लोग..
मुझे अफ़सोस नहीं इसका…
की मैं गुजरा पल हूं केवल..
जिसे तमाम उम्र हासिल नहीं..
गम है तो बस इतना..
गुजरा वक्त भूला देते हैं लोग…
की मैं राह हूं केवल…
किसी की मंज़िल नहीं…
गम है तो बस इतना की…
भूल जाते हैं राहें लोग…
मुझे अफ़सोस नहीं इसका..
की मैं साथी हूं केवल..
किसी की ज़िंदगी में शामिल नहीं..
गम है तो बस इतना..
साथ छोङ देते हैं लोग..
मुझे अफ़सोस नहीं इसका…
की मैं गुजरा पल हूं केवल..
जिसे तमाम उम्र हासिल नहीं..
गम है तो बस इतना..
गुजरा वक्त भूला देते हैं लोग…
“किसी और से नहीं पर खुद से गिला है मुझको, शायद खुद मेरी वजह से मेरी ज़िन्दगी छोङ गई मुझको।”
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