Dil Ki Baat
Saturday, December 27, 2014
आखरी शामे दिसंबर की.....
लोट आओ कि मेरी साँसे अब
तिनका तिनका बिखरती हैं..
कहीं मेरी जान ना ले ले ये आखरी शामे
दिसंबर की.....
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