नज़रे देखती रही दूर तक मगर
उन्हें पुकारने का होसला ना हुआ
लब हिले तो मगर
ज़ुबा से कहने का होसला ना हुआ
वो चले गये छोड़ कर यू ही मगर
उन्हें पास लाने का होसला ना हुआ
यू देखते रहे हम तन्हा खड़े खड़े मगर
उनके पास जाने का होसला ना हुआ
जी तो रहे है मर मर के मगर
उन्हें भूलाने का होसला ना हुआ
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