Tuesday, February 3, 2015

अजीब सा मोड़ है ज़िन्दगी का

अजीब सा मोड़ है ज़िन्दगी का , मुशिकलों की ज़मीन आफतों का आसमान है ।
............................................तू जो नही है साथ मेरे इस राह मैं तो यही जमीन मेरा समशान है

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