Thursday, October 1, 2015

एक #ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगा..............................

 एक #ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगा;
#बे-हिसाब उस में तेरा #कसूर लिखूंगा;
टूट गए #बचपन के तेरे सारे #खिलौने;
अब #दिलों से #खेलना तेरा #दस्तूर लिखूंगा।

No comments: