Thursday, October 1, 2015

बाँहे किसी और की बाँहों में डाल के..

कमाल का हुनर बख्शा है रब ने उन्हें...,
बाँहे किसी और की बाँहों में डाल के...वादा-ए-वफ़ा हमसे करते रहे...!

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