Friday, February 12, 2016

एक बार इज़हार चाहती थी...

मैं कुछ लम्हा और तेरा साथ चाहती थी, आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहती थी,
सुना हैं मुझे बहुत चाहता है वो मगर, मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहती थी😘R😘😘S😘


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