तरे इश्क को ऐसे बेवफा कहना गलत होगा
ये दिल-ए-बात सरेआम फरमाना गलत होगा
तुझपे खुदसे ज्यादा भरोसा है मेरा
खयाल है मेरा के ये जमाना गलत होगा
बिखरे हुये है _ सपने मेरे _ तेरे जाने से
अब इनें ए दिल हकीकत समझना गलत होगा
ताजा है जख्म अब जो दिये मुकद्दर ने
गये उसे भुल ये कहना गलत होगा
इश्क था ये मेरा कोइ लिबाज नहीं दोस्त
इसे ऐसे बार - बार बदलना गलत होगा
#S
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