Wednesday, September 5, 2018

याद बहुत आते हैं...


खाली बटुआ हम भी भरना चाहते हैं
ये काम धीरे धीरे ही करना चाहते हैं।

मौत का खौफ़ हम पालते नहीं लेकिन
ज़रा सा और जी कर मरना चाहते हैं।

माना कि शहर में काम इंतजार में हैं
गांव में कुछ और दिन रहना चाहते हैं।

याद बहुत आते हैं बचपन के वो दिन
भूत की कहानियों से डरना चाहते हैं।

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