कुछ खास तो नहीं...
पर मेरे पास भी हैं
चंद बेशकीमती दौलतें
कुछ तुम्हारी यादें और
कुछ अधूरी हसरतें..
उनमें शामिल हैं मेरी नासमझियाँ
और तुम्हारी समझदारी भरी बातें
कभी ख्वाबों की
कभी हकीकत की
वो तमाम मुलाकातें
सहेज के रखी है मैंने
ये तमाम सौगातें
सहेजी हैं
जनमों की बेचैनियाँ.....!!
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