Friday, January 3, 2020

हां ये सच है....


हां ये सच है
मैंने रात को तुम्हारे मैसेज यां फ़ोन का इंतज़ार किया था ।
और इंतज़ार करते करते कब नींद ने घेर लिया पता ही नहीं चला,

और जब आंख खुली तो शुरू हो चुका था नए साल का
नया दिन नयी उम्मीदें लिए,

पर मेरी उम्मीद अभी भी पुरानी है ।।
उम्मीद तुम्हारे लौट कर आने की,

हां मैं ये जनता हूं ये इंतज़ार अंतहीन है।

पर

इस नए साल भी मैं तुम्हारे वही पुराने किस्से लिखता रहूंगा,
हां नाम तुम्हारा कभी ना लिखूंगा,
बस्स लिखूंगा तुम्हारे बारे में,
उम्मीद करता हूं कुछ और अच्छे से लिख सकूं,
और लोग यूं ही तुम्हे पड़ते रहें फिर पूछें मुझसे तुम्हारे बारे में

और मैं तुम्हे याद कर ख़ामोश हो जाऊंगा फ़िर यूं 'हल्का सा मुस्कुरा ' दूंगा !!

---❣️



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