Dil Ki Baat
Thursday, January 21, 2021
उर्फ़ी, फ़ारसी के शायर
“आवाज़ ए सागाँ कम न कुनद रिज़्क़ ए गदा रा !” ~उर्फ़ी, फ़ारसी के शायर
कुत्तों के भौंकने से फ़क़ीर की रोज़ी में कमी नहीं आती.
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