कितनी मुशकिल से दिल को समझाया,
उन राहों पर फिर नही जाना हमने,
दर्दों को भी हंस कर पी लिया,
ज़ख़्मों को खुद ही मसला हमने,
काफ़िर बन गये हम अपने लिए आप ही,
हदों को भी बेहद मुशकिल कर दिया हमने,
रास्ता रोक लिया आँसुओं ने आज फिर से,
नामुमकिन है,अब नही लौटना हमने ।
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