मैं हारता गया साथ छुटता गया
हुआ तन्हा इतना ख़ुद से बिछड़ता गया
सब जलाकर ख्वाहिशें दिल की
मैं सुकून की तलाश में चलता गया
अब कहीं कोई मुझे ढूँढते ना आये
मैं अपने निशाँ रास्तों से मिटाता गया
कल याद भी न आऊँ मैं किसी को
अपने क़िरदार से बेवफ़ाई करता गया
ना मौत की मेरी कोई कभी ख़बर सुने
मैं ख़ुद लाश अपनी जला कर गया
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