पलट कर आये तो सबसे पहले तुझे मिलेंगे
उसी जगह पर जहां कई रास्ते मिलेंगे..
अगर तेरे नाम पर कभी जंग हो गई तो
हम जैसे बुज़दिल भी पहली लकीर में खड़े मिलेंगे..
हमे बदन और नसीब दोनों सवांरने है
हम उसके माथे का प्यार लेकर गले मिलेंगे..
न जाने किस दिन आँखें छलकेंगी उसकी मेरे लिए
न जाने किस दिन मुझे ये बर्तन भरे मिलेंगे..
दीदार तो क़यामत, हम बस इक मुलाक़ात को मुतासिर रहे
वो बोली मिलेगी तब जब दरिया के दो सिरे मिलेंगे..
और तू जिस तरह चूम कर रखता है करीब अपने
हम इक दिन तेरे बाज़ुओ में मरे मिलेंगे..
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