Sunday, March 1, 2015

मुक़द्दर ,मुहब्बत और दोस्त

न जाने कैसे इम्तिहान ले रही है ज़िन्दगी आजकल,
मुक़द्दर ,मुहब्बत और दोस्त तीनों नाराज़ से रहते है________

No comments: