Saturday, February 27, 2021

काश



“काश इतना जिम्मा तुम उठा लेते,

टूटने से ना सही...बिखरने से बचा लेते।”


कब के मर चुके हैं



“नाम ना लो उस मोहब्बत का...वो तो हम भी कर चुके हैं,

लोग कहते है मोहब्बत जिन्दगी है पर हम तो कब के मर चुके हैं।”



Thursday, February 18, 2021

...यादें तेरी


“साथ तेरा नहीं...फिर भी सफ़र तन्हा नहीं,

निहायत ही वफादार है...यादें तेरी।”

Sunday, February 14, 2021

इश्क का त्यौहार सा कुछ है

सुना है आज, इश्क का त्यौहार सा कुछ है.
तुम्हारा एक दिन का है, हमारा तो रोज़ होता है.
.
S

Saturday, February 13, 2021

अब जगह बना के दिखा....



चल अब तू अपना हुनर आज़मा के दिखा...

निकाल दिया तुझे दिल से...अब जगह बना के दिखा....!!

Thursday, February 11, 2021

बेहद ना हुई....



"हद में रहकर धड़के...वो धड़कनें कैसी,

और बेहद ना हुई....तो वो ख्वाहिशें कैसी !"

Wednesday, February 10, 2021

सरकार ने...


भूल गये हो चाहने वालों...,

या...यादें भी महंगी कर दी है सरकार ने...?


Sunday, February 7, 2021

गिना नहीं सकते…

 दर्द कितना है बता नहीं सकते 

ज़ख़्म कितने हैं दिखा नहीं सकते 

आँखों से खूद समझ लो आँसू गिरे हैं 

कितने गिना नहीं सकते…


गिना नहीं सकते…

हैप्पी rose डे

कोई मिलता ही नहीं मुझे समझने वाला


 

कोई किसी का नहीं होता


 

दुश्मनी के हजारो दर्जे है


 

Saturday, February 6, 2021

संसार में दो प्रकार के पेड़ पौधे होते हैं-

प्रथम: अपना फल स्वयं दे देते हैं,
जैसे - आम, अमरुद, केला इत्यादि ।

द्वितीय : अपना फल छिपाकर रखते हैं,
जैसे - आलू, अदरक, प्याज इत्यादि ।

जो फल अपने आप दे देते हैं, उन वृक्षों को सभी खाद-पानी देकर सुरक्षित रखते हैं, और ऐसे वृक्ष फिर से फल देने के लिए तैयार हो जाते हैं ।

किन्तु जो अपना फल छिपाकर रखते है, वे जड़ सहित खोद लिए जाते हैं, उनका वजूद ही खत्म हो जाता हैं।

ठीक इसी प्रकार...
जो व्यक्ति अपनी विद्या, धन, शक्ति स्वयं ही समाज सेवा में समाज के उत्थान में लगा देते हैं, उनका सभी ध्यान रखते हैं और वे मान-सम्मान पाते है।

वही दूसरी ओर
जो अपनी विद्या, धन, शक्ति स्वार्थवश छिपाकर रखते हैं, किसी की सहायता से मुख मोड़े रखते है, वे जड़ सहित खोद लिए जाते है, अर्थात् समय रहते ही भुला दिये जाते है।

प्रकृति कितना महत्वपूर्ण संदेश देती है, बस समझने, सोचने और कार्य में परिणित करने की बात है।
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👉 Good Night
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मैंने उसे तब से जनता हु


 

Wednesday, February 3, 2021

तेरे बिना जीना सिख गया

लोग मुस्किल में डाल देते है

वक़्त अच्छा हो या बुरा गुजर ही जाता है

कैसे करू भरोसा

अपनी बारी का इन्तजार करना

उसकी शादी हो गयी

अब दिल को खामोश रहना अच्छा लगता है

हर लड़के की जिन्दगी में एक ऐसी लड़की जरुर होती है

गुनाहगार होते है

मेरी माँ पूछती है मुझसे

आयेंगे याद तुझे

जीते जी इशक का मदन नहीं छोड़ेंगे

मुझे हर बार होती है

दोस्ती भी ख़तम हो गयी

मुझसे दूर भी है

आयेंगे याद तुझसे हम

मुझसा कोई न चाहेगा तुझको

क्या सफाई दू दुनिया को अपने बारे में

जिसके लिए सबको भुला दिया था

Tuesday, February 2, 2021

जब वोह ठीक होके फिर से बादल गया

कितनी अजीब बात है ना

कितनी अजीब बात है ना ,
जिस इंसान को मैं इतनी आच्छी तरह से जनता था 

आज वोह अजनबी है मेरे लिए 😐😐😐😐😐😐

Tum humko dhundho, hum tumhe dhundhte hai

मर जाते हैं




शाम तक सुब्ह की नज़रों से उतर जाते हैं

इतने समझौतों पे जीते हैं कि मर जाते हैं




Monday, February 1, 2021

थोड़ी सी पिला भी देना

 राज़ जो कुछ हो इशारों में बता देना

हाथ जब उससे मिलाओ दबा भी देना


नशा वेसे तो बुरी शे है, मगर

“राहत”  से सुननी  हो तो थोड़ी सी पिला भी देना

मैं कहती हूं उसे पसंद है

ये झुमका उसकी पसंद का है,
और ये मुस्कुराहट उसे पसंद है,
लोग पूछते है सबब मेरी अदाओ का ,
 मैं कहती हूं उसे पसंद है,

अब उससे बात नही होती






Ab usse baat nahi karni,
Par ab baat usi ki karni hai.
Din de diya tujhe aye zindagi apni,
Magar raat usi ki karni hai.
Bakshe agar muft mein mujhe khuda se ek hasrat khaas usi ki karni hai.
Main kya karun inn deewaano ka
Mujhe batameezian bs bardaast usi ki karni hai.


 

बात अगर तेरे बिना रहने की है ना

 बात अगर तेरे बिना रहने की है ना
तो मै रह कर दिखाऊंगा 

इस ज़माने के मुंह से मै ये कह के दिखलाऊंगा
की दिल टूटने के बाद अगर इंसान ऐसा बनता है 

तो लोग दुआ में मोहब्ब्त को मुक्कमल हो जाना नहीं , 

अधूरी रह जाने की मांगेंगे

यहाँ मोहोब्बत से भी बर्बाद कर देते है लोग

 


suna hai tere jism ko koi jahar nahi lagta

 


सबसे पहले तुझे मिलेंगे.........................

 पलट कर आये तो सबसे पहले तुझे मिलेंगे

उसी जगह पर जहां कई रास्ते मिलेंगे..


अगर तेरे नाम पर कभी जंग हो गई तो

हम जैसे बुज़दिल भी पहली लकीर में खड़े मिलेंगे..


हमे बदन और नसीब दोनों सवांरने है

हम उसके माथे का प्यार लेकर गले मिलेंगे..


न जाने किस दिन आँखें छलकेंगी उसकी मेरे लिए

न जाने किस दिन मुझे ये बर्तन भरे मिलेंगे..


दीदार तो क़यामत, हम बस इक मुलाक़ात को मुतासिर रहे

वो बोली मिलेगी तब जब दरिया के दो सिरे मिलेंगे..


और तू जिस तरह चूम कर रखता है करीब अपने

हम इक दिन तेरे बाज़ुओ में मरे मिलेंगे..

सुनो ...❤️


हम मिलेंगे एक बार जरूर
बुढापे में लकड़ी लेकर
आऊंगा मैं तुमसे मिलने...
जानती हो क्यों??
क्योंकि उस समय
कोई बंदिशें नहीं होंगी
ना तुम्हारे ऊपर ,ना मेरे ऊपर
वो दौर भी कैसा होगा ।
कितना सुन्दर कितना खुशहाल,,
ना किसी का डर होगा,
ना कोई दायरे ....

तुम आओगी ना मुझसे मिलने ?
आँखों पर मोटा-सा चश्मा होगा
उस चश्मे से निहरूंगा
तुम्हारे आंखो के सरारत को......
तुम रख देना सर अपना
हौले से मेरे कंधे पर
मैं संवार दूंगा तुम्हारी जुल्फो को
अपने झुर्री पड़े...कोमल हाथों से..!

सुनो तुम...
एक सपना देखा हैं मैंने भी
आखिर सपने देखना भी तो
तुमने ही सिखाया...
कहो ना !...
तुम मुकम्मल करोगे ना ?
मेरे इस सपने को ..!

मैं छूना नहीं चाहता तुम्हें....
बस हवाओं की हर पुरवाई में
महसूस करना चाहता हूँ
बेहद करीब से...
तुम्हारे सांसो में
अपने अहसास को
ख़ुदा की इबादत की तरह
बोलो ना !!
आओगी ना तुम मुझसे मिलने...??💞