Wednesday, December 31, 2014

बिछड़ गया हर साथी ..................



बिछड़ गया हर साथी दे कर, पल दो पल का साथ
किस को फुरसत हैं जो थामें दीवानो का हाथ
हम को अपना साया तक अक्सर बेजार मिला.....

जाने वो कैसे लोग थे, जिन के प्यार को प्यार मिला
हम ने तो बस   कलियाँ माँगी, काटों का हार मिला....

ये दिल तुम्हारे पास गिरवी है...............

ये दिल तुम्हारे पास गिरवी है, इसलिए
तुम्हारी कदर करते हैं.
...

वरना तेरी जो फितरत है, वो नफरत के
भी काबिल नही.

Tuesday, December 30, 2014

उसे पा ना सके

उसे पा ना सके तो भी सारी जिंदगी उसे ही प्यार करेंगे
ये जरुरी तो नही कि जो हासिल ना हो उसे छोड दिया जाए

तेरे आशियाने का पता पूछता है..!!

हर कोई ..... तेरे आशियाने का पता पूछता है..!!
न जाने किस किस से वफा के वादे किये हैं तू ने..

उसे तकलीफ है की कोई उसका दर्द नहीं समझता ......

उसे तकलीफ है की कोई उसका दर्द नहीं समझता ......
ऐ काश की उसके  पास भी दिल होता  तो वो भी  समझ जाती ...

दिल दिल होता है कोई धर्मशाला नहीं ....
की "हर रोज एक आता है एक जाता है "

मुझे तू अच्छी लगती हे...!!



तेरी तस्वीर की तारीफ करने से भी डरता हु..
जमाना जान न जाए, 
मुझे तू अच्छी लगती हे...!!

अनजाने में ....

गुनाह कुछ हमसे हो गए यूँ अनजाने में ....
फूलों का क़त्ल कर दिया, पत्थरों को मनाने
में ....!!!

बोतल शराब की..

एक पल में ले गयी मेरे सारे गम खरीद कर...
कितनी अमीर होती है ये बोतल शराब
की..

Tere Dil Ki Mehfil Sajane Aaye The...............

Ham Toh Tere Dil Ki Mehfil Sajane Aaye The,
Teri Kasam Tujhe Apna Banane Aaye The,
Kis Bat Ki Saza Di Tune Humko,
Ham Toh Tere Dard ko Apnane Aaye The... 󾬎󾬎󾬎󾬎

Sunday, December 28, 2014

ए दिल..!!

धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए
दिल..!!
अभी तो पलकें झुकाई है
मुस्कुराना अभी बाकी है उनका.!!

तेरी सादगी को ......................

तेरी सादगी को निहारने का दिल करता है.
तमाम उम्र तेरे नाम करने को दिल करता है....
एक मुक़्क़मल शायरी है तू कुदरत की.
तुझे ग़ज़ल बना कर जुबां पर लाने को दिल करता है...

रूठो अगर हमसे कभी तो.............

रूठो अगर हमसे कभी तो इतना ध्यान रखना मेरे सनम……!
मनाना मेरी आदत नही और रहकर जुदा हम तुमसे जी नही पाऐगें…!

वो मेरे लिये ज़रूरी होते गए.............

जैसे-जैसे वो मेरे लिये ज़रूरी होते गए
बस...
फिर मैंने ही देखा है उन्हें खुदा होते हुये

Saturday, December 27, 2014

bahut khob sorat ho tum.........

h chara tumhaara ke din h sunhera
or us par ye kaali ghataaon ka pahra
gulaabon se nazuk mahakta badan h
ke lab h tumhaare ke khilta chaman h
bikheron jo zulfe to sharmaaie baadal
ye anjum bhi dekhe to ho jaaie paagal
wo paakeeza morat ho tum bahut khob sorat ho tum.........

इतना हक नह दे मुझे...........

''''इतना हक नह दे मुझे, हम मौका परस्त है,'''''''
'''''''जुल्फों को सुलझाते सुलझाते, लवों को चूम लिया करते हैं।'''''''

दुश्मन हमारे सामने आने से भी डरता है….

दुश्मन हमारे सामने आने से भी डरता है….
और वो पगली हमारे दिल से आके खेल गयी

Aankhon se.................

Aankhon se mere is liye laali nahin jati,
Yaadon se koi raat jo khaali nahin jati,

Aaye koi aa ke yeh tere dard sambhaale,
Hum se to yeh jageer sambhaali nahin jati,

कभी अपनों ने, कभी दूसरों ने रुलाया...................

कभी अपनों ने, कभी दूसरों ने रुलाया
हम रोये तो ये जमाना समझ में आया

अपने मतलब के लिए इस्तेमाल करते हैं
कई इंसानों में हमने इस हुनर को पाया

अपनी गज़ल सुना कर ..............

मैं तो अपनी गज़ल सुना कर तन्हा खड़ा रहा

जिसने भी सुनी वो अपने ख्यालों में डुब गए

Ungliyan thak gayi...........

Ungliyan thak gayi patthar tarashte
tarashte
Jab surat bani yaar ki toh kharidaar aa
gaye..

और गुनहगार हो गए....

लोग पथ्थर के पुतलो को पूजकर भी मासूम रहे,
हमने तो इन्सान को चाहा, और गुनहगार हो गए....

आखरी शामे दिसंबर की.....

लोट आओ कि मेरी साँसे अब
तिनका तिनका बिखरती हैं..
कहीं मेरी जान ना ले ले ये आखरी शामे
दिसंबर की.....

नज़रे देखती रही दूर तक मगर....

नज़रे देखती रही दूर तक मगर
उन्हें पुकारने का होसला ना हुआ
लब हिले तो मगर
ज़ुबा से कहने का होसला ना हुआ
वो चले गये छोड़ कर यू ही मगर
उन्हें पास लाने का होसला ना हुआ
यू देखते रहे हम तन्हा खड़े खड़े मगर
उनके पास जाने का होसला ना हुआ
जी तो रहे है मर मर के मगर
उन्हें भूलाने का होसला ना हुआ

Friday, December 26, 2014

एक दिन मेरी जिंदगी में वो भी मंज़र आयेगा................

एक दिन मेरी जिंदगी में वो भी मंज़र आयेगा,
जब मेरे जिस्म को जी भर के सजाया जाएगा ।
करके बे-पर्दा मुझे मिल के नहलाएंगे मेरे अपने,
मैं सब देखूंगा पर कोई मुझे देख नहीं पाएगा ।
औढ़ा कर मुझे बिन सिले कपड़ों का सादा लिबास,
नुमाईश की तरह मेरा चेहरा सबको दिखाया जाएगा ।
वो जो दूर से देखकर ही मुँह फेर लेते थे कभी,
आज कफन हटते ही चेहरा वो भी देख जाएगा ।
वो जिसने ताउम्र नाम ही नहीं लिया राम का,
आज वो भी राम नाम सत्य की रट लगाएगा ।
वो जो खाते थे कसमें उम्र भर साथ निभाने की,
छोड़ कर वो अकेला मुझे अपने घर लौट आयेगा ।
चार कदम साथ चलेंगे कुछ रोते कुछ हसते हुए,
चल दूंगा अकेला कोई भी मुझे रोक नहीं पाएगा ।
बहुत ही रोएगा वो जिसमे मेरा ही खून होगा,
उसके ही हाथों से मेरे जिस्म को जलाया जाएगा ।
बस इतना ही साथ है कभी मत भूलना,
यह चलता हुआ श्वास इक दिन दगा दे ही जाएगा ।
मेरा था, ना मेरा है, ना कुछ भी साथ लाया था,
देह में छुपा हुआ जीव जब, देह को छोड़ जाएगा....!!!!

वाह रे‬......


वाह रे‬...... 
मेरे ‪मेहबुब‬ बडी जल्दी आया तुझे ‪‎खयाल‬ मेरा...... ‪
बस भी‬ ‪‎करो‬ ‪चुमना‬ अब  उठने दो ‪जनाजा‬ मेरा.....

कभी मिले फुर्सत................

कभी मिले फुर्सत
तो इतना जरूर बताना,
ऐ - बेवफा. . . . .
वो कोन सी मोहब्बत थी जो हम तुम्हे दे
ना सके. . . . .??

मिल सके आसानी से ...............


मिल सके आसानी से , उसकी ख्वाहिश किसे है? 
.
.
ज़िद तो उसकी है ... जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं..!!

Thursday, December 25, 2014

फरेबी भी हूँ ज़िद्दी भी हूँ


फरेबी भी हूँ ज़िद्दी भी हूँ और पत्थर दिल भी हूँ.....

मासूमियत खो दी है मैंने वफ़ा करते-करते

ना शाख़ों ने जगह दी..............

ना शाख़ों ने जगह दी ना हवाओं ने बख्शा,
वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता...

सीढिया उन्हे मुबारक...........

सीढिया उन्हे मुबारक हो जिन्हे
छत तक जाना है,
मेरी मन्जिल तो आसमान है

रास्ता मुझे खुद बनाना है...!!!

वो जो चंद लम्हें गुजारे थें................

वो जो चंद लम्हें गुजारे थें हमने तेरे साथ,
उमर गुजर जायेगी पर हम ना भुलेंगे वक्त के साथ..!!


badalne ko toh inn aankhon................

badalne ko toh inn aankhon ke manzar kam nahi badle
tumhare yaad ke mausam humare gham nahi badle
tum agle janam mein humse milogi tab toh manogi

zamane aur sadi ke iss badal mein hum nahi badle

Mera har pal aaj khoobsurat hain....

Mera har pal aaj khoobsurat hain, 
Dil mein jo sirf teri hi soorat hain, 
Kuch bhi kahe ye duniya gum nahi 
Duniya se jyada hume teri jarurat h.

क्या ऐसा नहीं हो सकता.........

क्या ऐसा नहीं हो सकता हम प्यार मांगे...
और तुम गले लगा के कहो, 'और कुछ?'

Tuesday, December 23, 2014

कितना गहरा सच छुपा था उनकी बातों में....

कितना गहरा सच छुपा था उनकी बातों में, 
जब वो कहते थे कि तुम्हे तो हम अपना बना के ही छोड़ेंगे, 
अपना भी   बनाया, और छोड़ भी दिया।।।

Mujhey Samajhney Key Liye...........

Mujhey Samajhney Key Liye Aapke
Liye Bas Itna Kafi Hai...!!!
Ki Mein Uski HARGIZ Nahi Hoti...

Jo Har Kisi Key Ho Jaten Hain...!!!

नादान है दिल मेरा ये समझाऊँ कैसै...................

नादान है दिल मेरा ये समझाऊँ कैसै,
जिसे ये खोना नही चाहता....
वो अब इसका होना नही चाहता...!!!

आंसू से पलके भींगा लेता था.................

"आंसू से पलके भींगा लेता था,
याद तेरी आती थी तो रो लेता था,
सोचा था की भुला दूँ तुझको मगर,

हर बार ये फैसला बदल लेता था."

Monday, December 22, 2014

कोई ताल्लुक न जोड़ो मगर ...........

कोई ताल्लुक न जोड़ो मगर सामने तो रहो,
तुम अपने गुरूर में खुश, और हम अपने सुरूर में खुश..

उनके दिल की हर बात...............

समझ जाते थे हम उनके दिल की हर बात को;
और वो हमें हर बार धोखा देते थे;
लेकिन हम भी मजबूर थे दिल के हाथों;

जो उन्हें बार-बार मौका देते थे। 

Kaash Tum Mere Hote.....

"Kaash Tum Mere Hote....."
Sanse hi tham jaati,

agar ye lafz tere hote.....

Sab kuch luta duya................

Sab kuch luta duya fakat tujh pe bharosa kar ke
jane kyu bahut roye hum aisa kar ke.


Meri bebasi pe muskurane wale
kya mila tujhe mere dukh m izafa kar ke..

Kya kabhi tumne bhi humse mohabbat ki thi
puch zara khud ko aaine ke aage khada kar ke...

Kas.. Tu mere dard m humdard bani hoti

par tumne to chod diya mujhe tamasa bana ke....

सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा................

सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा,

सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,

ना जाने क्या बात थी उनमे और हममे,

सारी मेहफिल भुल गये बस वह चेहरा याद रहा .....

मेरी नज़र से न हो दूर एक पल के लिए..................

मेरी नज़र से न हो दूर एक पल के लिए।
तेरा वुजूद है लाज़िम मेरी ग़ज़ल के लिए।।

महोब्बत होनी थी सो हो गई..

महोब्बत होनी थी सो हो गई..
हमको...
अब 'नसिहते' छोड़िए,

दिजिये 'दुआ' हमको...!

Sunday, December 21, 2014

न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर …..


न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर …..
 तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है …!!!

इश्क की चौखट पे कदम मत रखना ऐ दोस्त,

इश्क की चौखट पे कदम मत रखना ऐ दोस्त, 
ये वो सरहद है जहाँ गम और बेवफाई के सिवा कुछ भी नहीं।

बेवफ़ा …

तुझे तो हमारी मोहब्बत ने मशहूर कर
दिया बेवफ़ा ….
वरना तू सुर्खियों में रहे तेरी इतनी औकात
नहीं……!

दिल की बीमारी का कोई इलाज बता दो यारों,

दिल की बीमारी का कोई इलाज बता दो यारों, 
जबसे गया है वो इन आँखों की बारिश थमी ही नहीं।

एक सबेरा था जब हम हस कर उठा करते थे ......

एक सबेरा था जब हम हस कर उठा करते थे ......

और अब तो बिन मुस्कुराये कई शाम गुजर जाती है ........

न रुकी वक़्त की गर्दिश और न ज़माना बदला.....

न रुकी वक़्त की गर्दिश और न ज़माना बदला।।

पेड़ सुखा तो परीन्दो ने ठिकाना बदला......



जो पूरा न हो सका.. वो किस्सा हुँ मै...

जो पूरा न हो सका.. वो किस्सा हुँ मै...छूटा हुआ ही सही.. तेरा हिस्सा हुँ मै..!!!

शाम होते ही तेरा इंतजार करने लगते हैं...

ना कोई दिलासा ना कोई इशारा ना कोई
लौट आने का वादा..
फिर भी जाने क्यो शाम होते ही तेरा इंतजार
करने लगते हैं...

कोई जज़्बात नहीं समझता.....

मैने बहुत से इन्सान देखे है,
जिनके बदन पर लिबास नही होता।
और
बहुत से लिबास देखे है,
जिनके अंदर इन्सान नही होता ।
कोई हालात नहीं समझता ,
कोई जज़्बात नहीं समझता ,
ये तो बस अपनी अपनी समझ है ,
कोई कोरा कागज़ भी पढ़ लेता है
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता!

यह जिस्म तो किराये का घर है.......

यह जिस्म तो किराये का घर है;
एक दिन खाली करना पड़ेगा:!!
सांसे हो जाएँगी जब हमारी पूरी यहाँ; रूह
को तन से अलविदा कहना पड़ेगा:!!
वक्त नही है तो बच जायेगा गोली से भी;
समय आने पर ठोकर से मरना पड़ेगा:!!
मौत कोई रिश्वत लेती नही कभी;
सारी दौलत को छोंड़ के जाना पड़ेगा:!!
ना डर यूँ धूल के जरा से एहसास से तू; एक दिन
सबको मिट्टी में मिलना पड़ेगा:!!
सब याद करे दुनिया से जाने के बाद; दूसरों के
लिए भी थोडा जीना पड़ेगा:!!
मत कर गुरुर किसी भी बात का ए दोस्त:!
तेरा क्या है..? क्या साथ लेके
जाना पड़ेगा...!!
इन हाथो से करोड़ो कमा ले भले तू यहाँ...
खाली हाथ आया खाली हाथ
जाना पड़ेगा:!!
ना भर यूँ जेबें अपनी बेईमानी की दौलत से...
कफ़न को बगैर जेब के ही ओढ़ना पड़ेगा..!!
यह ना सोच तेरे बगैर कुछ नहीं होगा यहाँ;
रोज़ यहाँ किसी को 'आना'
तो किसी को 'जाना' पड़ेगा...!