Wednesday, December 31, 2014
Tuesday, December 30, 2014
उसे तकलीफ है की कोई उसका दर्द नहीं समझता ......
उसे तकलीफ है की कोई उसका दर्द नहीं समझता ......
ऐ काश की उसके पास भी दिल होता तो वो भी समझ जाती ...
दिल दिल होता है कोई धर्मशाला नहीं ....
की "हर रोज एक आता है एक जाता है "
ऐ काश की उसके पास भी दिल होता तो वो भी समझ जाती ...
दिल दिल होता है कोई धर्मशाला नहीं ....
की "हर रोज एक आता है एक जाता है "
Sunday, December 28, 2014
Saturday, December 27, 2014
कभी अपनों ने, कभी दूसरों ने रुलाया...................
कभी अपनों ने, कभी दूसरों ने रुलाया
हम रोये तो ये जमाना समझ में आया
अपने मतलब के लिए इस्तेमाल करते हैं
कई इंसानों में हमने इस हुनर को पाया
हम रोये तो ये जमाना समझ में आया
अपने मतलब के लिए इस्तेमाल करते हैं
कई इंसानों में हमने इस हुनर को पाया
Friday, December 26, 2014
एक दिन मेरी जिंदगी में वो भी मंज़र आयेगा................
एक दिन मेरी जिंदगी में वो भी मंज़र आयेगा,
जब मेरे जिस्म को जी भर के सजाया जाएगा ।
करके बे-पर्दा मुझे मिल के नहलाएंगे मेरे अपने,
मैं सब देखूंगा पर कोई मुझे देख नहीं पाएगा ।
औढ़ा कर मुझे बिन सिले कपड़ों का सादा लिबास,
नुमाईश की तरह मेरा चेहरा सबको दिखाया जाएगा ।
वो जो दूर से देखकर ही मुँह फेर लेते थे कभी,
आज कफन हटते ही चेहरा वो भी देख जाएगा ।
वो जिसने ताउम्र नाम ही नहीं लिया राम का,
आज वो भी राम नाम सत्य की रट लगाएगा ।
वो जो खाते थे कसमें उम्र भर साथ निभाने की,
छोड़ कर वो अकेला मुझे अपने घर लौट आयेगा ।
चार कदम साथ चलेंगे कुछ रोते कुछ हसते हुए,
चल दूंगा अकेला कोई भी मुझे रोक नहीं पाएगा ।
बहुत ही रोएगा वो जिसमे मेरा ही खून होगा,
उसके ही हाथों से मेरे जिस्म को जलाया जाएगा ।
बस इतना ही साथ है कभी मत भूलना,
यह चलता हुआ श्वास इक दिन दगा दे ही जाएगा ।
मेरा था, ना मेरा है, ना कुछ भी साथ लाया था,
देह में छुपा हुआ जीव जब, देह को छोड़ जाएगा....!!!!
जब मेरे जिस्म को जी भर के सजाया जाएगा ।
करके बे-पर्दा मुझे मिल के नहलाएंगे मेरे अपने,
मैं सब देखूंगा पर कोई मुझे देख नहीं पाएगा ।
औढ़ा कर मुझे बिन सिले कपड़ों का सादा लिबास,
नुमाईश की तरह मेरा चेहरा सबको दिखाया जाएगा ।
वो जो दूर से देखकर ही मुँह फेर लेते थे कभी,
आज कफन हटते ही चेहरा वो भी देख जाएगा ।
वो जिसने ताउम्र नाम ही नहीं लिया राम का,
आज वो भी राम नाम सत्य की रट लगाएगा ।
वो जो खाते थे कसमें उम्र भर साथ निभाने की,
छोड़ कर वो अकेला मुझे अपने घर लौट आयेगा ।
चार कदम साथ चलेंगे कुछ रोते कुछ हसते हुए,
चल दूंगा अकेला कोई भी मुझे रोक नहीं पाएगा ।
बहुत ही रोएगा वो जिसमे मेरा ही खून होगा,
उसके ही हाथों से मेरे जिस्म को जलाया जाएगा ।
बस इतना ही साथ है कभी मत भूलना,
यह चलता हुआ श्वास इक दिन दगा दे ही जाएगा ।
मेरा था, ना मेरा है, ना कुछ भी साथ लाया था,
देह में छुपा हुआ जीव जब, देह को छोड़ जाएगा....!!!!
Thursday, December 25, 2014
Tuesday, December 23, 2014
नादान है दिल मेरा ये समझाऊँ कैसै...................
नादान है दिल मेरा ये समझाऊँ कैसै,
जिसे ये खोना नही चाहता....
वो अब इसका होना नही चाहता...!!!
जिसे ये खोना नही चाहता....
वो अब इसका होना नही चाहता...!!!
Monday, December 22, 2014
Sab kuch luta duya................
Sab kuch luta duya fakat tujh pe bharosa kar ke
jane kyu bahut roye hum aisa kar ke.
Meri bebasi pe muskurane wale
kya mila tujhe mere dukh m izafa kar ke..
Kya kabhi tumne bhi humse mohabbat ki thi
puch zara khud ko aaine ke aage khada kar ke...
Kas.. Tu mere dard m humdard bani hoti
par tumne to chod diya mujhe tamasa bana ke....
सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा................
सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा,
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,
ना जाने क्या बात थी उनमे और हममे,
सारी मेहफिल भुल गये बस वह चेहरा याद रहा .....
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,
ना जाने क्या बात थी उनमे और हममे,
सारी मेहफिल भुल गये बस वह चेहरा याद रहा .....
मेरी नज़र से न हो दूर एक पल के लिए..................
मेरी नज़र से न हो दूर एक पल के लिए।
तेरा वुजूद है लाज़िम मेरी ग़ज़ल के लिए।।
तेरा वुजूद है लाज़िम मेरी ग़ज़ल के लिए।।
Sunday, December 21, 2014
इश्क की चौखट पे कदम मत रखना ऐ दोस्त,
इश्क की चौखट पे कदम मत रखना ऐ दोस्त,
ये वो सरहद है जहाँ गम और बेवफाई के सिवा कुछ भी नहीं।
ये वो सरहद है जहाँ गम और बेवफाई के सिवा कुछ भी नहीं।
कोई जज़्बात नहीं समझता.....
मैने बहुत से इन्सान देखे है,
जिनके बदन पर लिबास नही होता।
और
बहुत से लिबास देखे है,
जिनके अंदर इन्सान नही होता ।
कोई हालात नहीं समझता ,
कोई जज़्बात नहीं समझता ,
ये तो बस अपनी अपनी समझ है ,
कोई कोरा कागज़ भी पढ़ लेता है
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता!
जिनके बदन पर लिबास नही होता।
और
बहुत से लिबास देखे है,
जिनके अंदर इन्सान नही होता ।
कोई हालात नहीं समझता ,
कोई जज़्बात नहीं समझता ,
ये तो बस अपनी अपनी समझ है ,
कोई कोरा कागज़ भी पढ़ लेता है
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता!
यह जिस्म तो किराये का घर है.......
यह जिस्म तो किराये का घर है;
एक दिन खाली करना पड़ेगा:!!
सांसे हो जाएँगी जब हमारी पूरी यहाँ; रूह
को तन से अलविदा कहना पड़ेगा:!!
वक्त नही है तो बच जायेगा गोली से भी;
समय आने पर ठोकर से मरना पड़ेगा:!!
मौत कोई रिश्वत लेती नही कभी;
सारी दौलत को छोंड़ के जाना पड़ेगा:!!
ना डर यूँ धूल के जरा से एहसास से तू; एक दिन
सबको मिट्टी में मिलना पड़ेगा:!!
सब याद करे दुनिया से जाने के बाद; दूसरों के
लिए भी थोडा जीना पड़ेगा:!!
मत कर गुरुर किसी भी बात का ए दोस्त:!
तेरा क्या है..? क्या साथ लेके
जाना पड़ेगा...!!
इन हाथो से करोड़ो कमा ले भले तू यहाँ...
खाली हाथ आया खाली हाथ
जाना पड़ेगा:!!
ना भर यूँ जेबें अपनी बेईमानी की दौलत से...
कफ़न को बगैर जेब के ही ओढ़ना पड़ेगा..!!
यह ना सोच तेरे बगैर कुछ नहीं होगा यहाँ;
रोज़ यहाँ किसी को 'आना'
तो किसी को 'जाना' पड़ेगा...!
एक दिन खाली करना पड़ेगा:!!
सांसे हो जाएँगी जब हमारी पूरी यहाँ; रूह
को तन से अलविदा कहना पड़ेगा:!!
वक्त नही है तो बच जायेगा गोली से भी;
समय आने पर ठोकर से मरना पड़ेगा:!!
मौत कोई रिश्वत लेती नही कभी;
सारी दौलत को छोंड़ के जाना पड़ेगा:!!
ना डर यूँ धूल के जरा से एहसास से तू; एक दिन
सबको मिट्टी में मिलना पड़ेगा:!!
सब याद करे दुनिया से जाने के बाद; दूसरों के
लिए भी थोडा जीना पड़ेगा:!!
मत कर गुरुर किसी भी बात का ए दोस्त:!
तेरा क्या है..? क्या साथ लेके
जाना पड़ेगा...!!
इन हाथो से करोड़ो कमा ले भले तू यहाँ...
खाली हाथ आया खाली हाथ
जाना पड़ेगा:!!
ना भर यूँ जेबें अपनी बेईमानी की दौलत से...
कफ़न को बगैर जेब के ही ओढ़ना पड़ेगा..!!
यह ना सोच तेरे बगैर कुछ नहीं होगा यहाँ;
रोज़ यहाँ किसी को 'आना'
तो किसी को 'जाना' पड़ेगा...!
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